2.3 तकनीकी परिचालन
तकनीकी निगरानी और रख-रखाव से प्लांट दक्षता से चलता है और बिजली सप्लाइ में रुकावट कम से कम आती है, जिससे प्रबंधकगण प्लांट का बढ़िया से बढ़िया उपयोग कर सकते हैं और उपभोक्ताओं को ज्यादा से ज्यादा बिजली सुपुर्द कर सकते हैं।
2.3.1. प्लांट का टेक्निकल डेटा सबमिट करना
प्लांट के उपकरणों से प्राप्त डेटा तकनीकी-स्थिति (परफारमेंस) के बारे में महत्वपूर्ण सूचनाएँ देता है। कुछ क्रिटिकल डेटा-पॉइन्ट को देखना और दर्ज करना ग्राउंड टीम के प्रतिदिन के कार्यों में शामिल है। ये डेटा-पॉइन्ट हैं –
- प्रत्येक सौर सरणी (सोलर अरै) से पैदा हुई बिजली
- बैकअप जनरेटरों से पैदा हुई बिजली
- बैकअप जनरेटर चलने की अवधि (रनटाइम)
- प्लांट से भेजी गई बिजली (हर एक फीडर से)
एमकॉम्स में गिनती की ऐसी व्यवस्था की गई है कि यह डेटा मिलते ही प्लांट के उपयोग, पैदा हुई बिजली और अन्य संबंधित मापदंड (मैट्रिक्स) अपडेट हो जाते हैं, जिन्हें प्रबंधकगण देख सकते हैं।
2.3.2. प्लांट का रख-रखाव
प्लांट के रख-रखाव के लिए कई कार्य किए जाते हैं, जिनसे प्लांट के उपकरणों का नुकसान रुकता है और मरम्मत होती है। एमकॉम्स में तय किया गया है कि रख-रखाव कितना समय बीतने पर करना है। जब भी रख-रखाव की जरूरत होती है, संबंधित कर्मचारी के पास सिस्टम से संदेश पहुँच जाता है।
कुछ तरह के कार्य, जैसे डीज़ल जनरेटर का ऑइल बदलना या सोलर पैनल को साफ करना, प्लांट के कर्मचारी कर सकते हैं। जनरेटर की सर्विसिंग या बैटरी इक्वलाइजेशन जैसे कार्यों के लिए समूह (क्लस्टर) या राज्य के प्रभारी को कोई बाहरी व्यवस्था करनी होगी।
2.3.3. ग्राहकों से संबंध बनाना (कस्टमर कनेक्शन)
नए ग्राहकों को डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क से जोड़ने की कई स्टेज होती हैं। हर स्टेज के लिए अलग तरह के हार्डवेअर और ढाँचे की जरूरत होती है।
- पहली बात, ग्राहक की संपत्ति डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क यानी खंभे और तार से न्यूनतम दूरी में स्थित हो।
- दूसरी बात, संपत्ति को डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क से जोड़ने वाला तार इंस्टाल किया जा चुका हो।
- अंतिम बात, ग्राहक के यहाँ बिजली पहुँचाने के पॉइंट लगाए जा चुके हों और मीटर (या लोड लिमिटर) के माध्यम से सर्विस वायर से जोड़े जा चुके हों।
मीटर ग्राहक की संपत्ति में लगाए जा सकते हैं (जो मीटर को एलिमेंट्स् से शील्ड करते हैं) या सबसे पास के खंभे से लगाए जा सकते हैं (जिससे कोई मीटर से छेड़छाड़ न कर सके और न ही किसी दुर्घटना के कारण मीटर को कोई नुकसान हो)।
2.3.4. मीटर की उपलब्धता (मीटर स्टेटस)
नए ग्राहक को जोड़ने के लिए प्लांट में या आसपास के गोदाम में मीटर या लोड लिमिटर उपलब्ध होना चाहिए। यह मालूम होना चाहिए कि कितने मीटर उपलब्ध हैं और वे कहाँ स्टोर किए गए हैं।
कभी-कभी मीटर की कमी होती है। ऐसे में जिन ग्राहकों ने अपना खाता बंद कराया हो, उनके मीटर हटाकर नए ग्राहकों को दे दिए जाते हैं या गोदाम में भेज दिए जाते हैं। इसे मीटर “रिलीज़िंग” कहा जाता है।